जीवन का यथार्थ और समाज का आईना था प्रेमचंद का साहित्य
मुंशी प्रेमचंद अपनी कहानियों के जरिए किसी भी बात को सिर्फ कहते नही हैं, बल्कि पाठक के दिलो-दिमाग पर...from आज तक https://ift.tt/2KciTef
July 30, 2018 at 07:00PM https://ift.tt/2zFsgBI
मुंशी प्रेमचंद अपनी कहानियों के जरिए किसी भी बात को सिर्फ कहते नही हैं, बल्कि पाठक के दिलो-दिमाग पर...
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